दहलीज हूँ... दरवाजा हूँ... दीवार नहीं हूँ।
अंधेरा हर तरफ और मैं दीपक की तरह जलता रहा।
मैंने माना कि नुकसान देह है ये सिगरेट...
जब से तुमको देखा है दिल बेकाबू हमारा है,
मैं धीरे-धीरे उनका दुश्मन-ए-जाँ बनता जाता हूँ,
वो आँखें कितनी क़ातिल हैं वो चेहरा कैसा लगता है।
कौन फिरता है ज़मीं पे चाँद सा चेहरा लिए।
बिछड़ के तुझसे हर रास्ता सुनसान रहता है,
सुना है कि महफ़िल में वो बेनकाब आते हैं।
बिछड़ के मुझ से वो दो दिन उदास भी न रहे।
अब तक सबने बाज़ी हारी इस दिल को रिझाने में,
जर्रे-जर्रे में वो है और कतरे-कतरे में तुम।
कुछ बदल जाते हैं, कुछ मजबूर हो जाते हैं,
रहा मैं Love Quotes वक़्त के भरोसे और वक़्त बदलता रहा,