दहलीज हूँ... दरवाजा हूँ... दीवार नहीं हूँ।
एक तो हुस्न कयामत उसपे होठों का लाल होना।
झुकाकर पलकें शायद कोई इकरार किया उसने,
जो सूख जाये दरिया तो फिर प्यास भी न रहे,
अगर मोहब्बत से पेश आते तो न जाने क्या होता।
वो आँखें कितनी क़ातिल हैं वो चेहरा कैसा लगता है।
भटका हूँ तो क्या हुआ संभालना भी खुद Love Quotes को होगा।
महफ़िल में रह के भी रहे तन्हाइयों में हम,
तेरे इशारों पर मैं नाचूं क्या जादू ये तुम्हारा है,
वो किताबें भी जवाब माँगती हैं जिन्हें हम,
हुजूर लाज़िमी है महफिलों में बवाल होना,
यह आँसू प्यार का मोती है, इसको खो नहीं सकता,
कुछ बदल जाते हैं, कुछ मजबूर हो जाते हैं,
समंदर पीर का अन्दर है, लेकिन रो नहीं सकता,